तुमसे मेरी हर अभिलाषा तुमसे मेरी हर अभिलाषा
उस मुबारक दिन रमज़ान महीने की ईद थी........................ उस मुबारक दिन रमज़ान महीने की ईद थी........................
तुम्हारे होंठ तुम्हारे होंठ
तुम्हारे साथ का अनजान सफर तुम्हारे साथ का अनजान सफर
सिंदूरी आकाश ने खुद को अन्धकार में घेरने की तैयारी कर ली सिंदूरी आकाश ने खुद को अन्धकार में घेरने की तैयारी कर ली
तेरा दिल है अमानत पास मेरे ओ मेरी जानम, यही है सल्तनत मेरी हम इसपे जाँ निसारे हैं। तेरा दिल है अमानत पास मेरे ओ मेरी जानम, यही है सल्तनत मेरी हम इसपे जाँ निसारे...